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इंटरनेट (Internet) के बारे में रोचक जानकारी

इंटरनेट (Internet) के बारे में रोचक जानकारी 


दोस्तों internet आज हमारे जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा है आज के युग हम खाने के बिना 1 दिन रह सकते है पर अगर कोई कहे की इंटरनेट के बिना एक मिनट रह लो तो शायद ही कोई रह पाए | खास करके नई जनरेशन तो बिलकुल कण्ट्रोल नहीं कर पायेगी।  

               दोस्तों आज हम उसी इंटरनेट के बारे में रोचक जानकारी बताने जा रहे है।  वैसे internet को हिंदी में कन्वर्ट करे तो internet का मतलब होता है अंतरजाल।  जिसके अंदर आप फश गए तो बाहर नहीं आ सकते हो।  आज हम इंटरनेट का इतिहास , अविष्कार  , कब किस देश में हुआ ये जानेंगे।  तो शुरू करते है - इतिहास से 

  • इंटरनेट (Internet) का इतिहास 

  1. 1969 इंटरनेट अमेरिकी रक्षा विभाग के द्वारा UCLA के तथा स्टैनफोर्ड अनुसंधान संस्थान कंप्यूटर्स का नेटवर्किंग करके इंटरनेट की संरचना की गई।
  2. 1979' ब्रिटिश डाकघर पहला अंतरराष्ट्रीय कंप्यूटर नेटवर्क बना कर नये प्रौद्योगिकी का उपयोग करना आरम्भ किया।
  3. 1980 बिल गेट्स का आईबीएम के कंप्यूटर्स पर एक माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम लगाने के लिए सौदा हुआ।
  4. 1984 एप्पल ने पहली बार फ़ाइलों और फ़ोल्डरों, ड्रॉप डाउन मेनू, माउस, ग्राफिक्स का प्रयोग आदि से युक्त "आधुनिक सफल कम्प्यूटर" लांच किया।
  5. 1989 टिम बेर्नर ली ने इंटरनेट पर संचार को सरल बनाने के लिए ब्राउज़रों, पन्नों और लिंक का उपयोग कर के वर्ल्ड वाइड वेब बनाया।
  6. 1996 गूगल ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक अनुसंधान परियोजना शुरू किया जो कि दो साल बाद औपचारिक रूप से काम करने लगा।
  7. 2009 डॉ स्टीफन वोल्फरैम ने "वोल्फरैम अल्फा" लांच किया।

  • भारत (India) में इंटरनेट 

भारत में अंतरजाल 80 के दशक मे आया, जब एर्नेट (Educational & Research Network) को सरकार, इलेक्ट्रानिक्स विभाग और संयुक्त राष्ट्र उन्नति कार्यक्रम (UNDP) की ओर से प्रोत्साहन मिला। सामान्य उपयोग के लिये जाल 15 अगस्त 1995 से उपलब्ध हुआ, जब विदेश सचांर निगम लिमिटेड (VSNL) ने गेटवे सर्विस शुरू की। भारत मे इंटरनेट यूजर्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। यहां 1.32 बिलियन लोगों तक इंटरनेट की पहुंच हो चुकी है, जो कि कुल जनसंख्य का करीब 34.8 %[1] फीसदी है। दुनिया के सभी इंटरनेट यूजर्स देश में भारत कर हिस्सा 13.5 % फीसदी है। साथ ही इंटरनेट का यूज व्यक्तिगत जरूरतों जैसे बैंकिंग, ट्रेन इंफॉर्मेशन-रिजर्वेशन और अन्य सेवाओं के लिए भी होता है। आज इन्टरनेट की पहुँच लगभग सभी गाँव एवम कस्बो और दूज दराज के इलाको तक फ़ैल चुकी है l आज लगभग सभी जगहों पर इसका उपयोग हो रहा है l और वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया में इन्टरनेट के उपयोग के मामले में सबसे आगे हो l और 2015 से सरकार भी पूरी तरह से ऑनलाइन होने के तयारी में लग गई है l

  • सबसे तेज इंटरनेट स्पीड वाला देश 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट की स्पीड तेज होने पर एक परिवार साल भर में इंटरनेट पर होने वाले खर्च में से करीब 5 लाख रुपये बचा सकता है। इसमें सबसे ज्यादा पैसा एंटरटेनमेंट, ऑन लाइन डील, डेली सर्च और ट्रैवल में इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट के रूप में बचा सकता है। औसत वर्ल्ड वाइड डाउनलोड स्पीड ५८क् किलोबाइट प्रति सेकंड है। दक्षिण कोरिया में सबसे अधिक इंटरनेट की औसत स्पीड सबसे तेज है। यहां की स्पीड 2202 केबीपीएस है। पूर्वी यूरोपीय देश रोमानिया दूसरे स्थान पर 1909 और बुल्गारिया तीसरे स्थान पर 1611 केबीपीएस के साथ है। स्पीड के मामले में हांगकांग में इंटरनेट की औसत पीक स्पीड 49 एमबीपीएस है। जबकि अमेरिका में 28 एमबीपीएस है। हालाकि अमेरिका विश्व का सबसे अधिक इंटरनेट से जुड़ा हुआ देश है।



दोस्तों ये थी इंटरनेट से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी। अगर कोई सवाल पूछना हो तो कमेंट में पूछ सकते है और इसी तरह की जानकारी के लिए हमारे फेसबुक पेज को लिखे करे और ये पोस्ट अपने नेट वाले दोस्तों के साथ शेयर करे धन्यवाद। 
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